Healthy lifestyle

Osteoporosis: "The silent bone disease"हड्डियों को कमजोर कर देता है|

 Osteoporosis: The silent bone disease"हड्डियों को कमजोर कर देता है|


Osteoporosis: "The silent bone disease"हड्डियों को कमजोर कर देता है|




Osteoporosis: एक साइलेंट डिसीज जो हड्डियों को कमजोर कर देता है। यह रोग बढ़ती उम्र अर्थात वृद्धावस्था में होता है। बढ़ती उम्र में हड्डियाँ कमज़ोर होने लगती  है।  जब इस कमज़ोरी के कारण हड्डियां निःशक्त ,नाजुक  होने लगती है। जरा सी चोट लगने या गिर जाने पर  हड्डियां आसानी से टूट जाये और जल्दी न जुड़े।  तो उस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) कहते हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस के परिणामस्वरूप हड्डियों का घनत्व और गुणवत्ता कम हो जाती है, जिससे हड्डियां नाजुक और फ्रैक्चर के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं।  यह स्थिति पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकती है, लेकिन यह महिलाओं में अधिक आम है, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद।

 हमारे शरीर में हड्डियाँ जीवित ऊतक हैं जो लगातार नवीनीकरण की प्रक्रिया से गुजर रही हैं। ऑस्टियोपोरोसिस तब होता है जब हड्डी के नवीकरण की प्रक्रिया संतुलन से बाहर हो जाती है, और हड्डी का नुकसान हड्डी के गठन से अधिक हो जाता है।  इससे हड्डियों के घनत्व में कमी आती है, जिससे हड्डियां कमजोर और भंगुर हो सकती हैं और उनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है।

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण(Symptoms of Osteoporosis):-

ऑस्टियोपोरोसिस को 'साइलेंट डिसीज' भी कहते हैं।  क्योंकि इस डिसीज के प्रारम्भ में  हड्डियों पर पड़ने वाले नुकसान के कोई खास लक्षण नजर नहीं आते हैं। जब हड्डियों को अधिक कमजोर हो जाती है और वह हल्की चोट भी सहन नहीं कर पाती है और टूट जाती है।  लेकिन, कुछ अन्य शारीरिक समस्याओँ में भी  इसके लक्षण समझ में आने लगते हैं. आइये जानते हैं.वह समस्याएँ क्या है ? -

Symptoms of Osteoporosis




  • पीठ में दर्द होना (Back pain):-  पीठ में काफी तेज दर्द की समस्या होने का कारण मेरुदण्ड की हड्डियों में किसी प्रकार की टूट होने पर  रीढ़ की हड्डी (Spinal cord) से फैली नसों में तेज दर्द होने लगता है। जिसका कारण ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। 
  • हड्डियों का टूटना  (Bone fracture):- ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां इतनी कमजोर या नाजुक हो जाती हैं कि हड्डियों के टूटने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।विशेषकर कमर तथा पैर की हड्डियों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर की सबसे आम साइट रीढ़, कूल्हे और कलाई हैं।  फ्रैक्चर दर्दनाक हो सकता है और विकलांगता, स्वतंत्रता की हानि और गंभीर मामलों में मृत्यु भी हो सकती है।
  • शारीरिक झुकाव (Stooped posture):- ऑस्टियोपोरोसिस से रीढ़ की हड्डी कमजोर और नाजुक होने के कारण पीठ का ऊपरी हिस्सा आगे की तरफ झुक जाता है, व्यक्ति की लंबाई कम लगने लगती है।
  • जोड़ों में तीव्र दर्द (joint pain ) :- ऑस्टियोपोरोसिस से जोड़ों में तीव्र दर्द ,पीड़ा ,ऐंठन होने लगती है। चलने फिरने में दर्द बढ़ जाता है। आराम करने पर राहत मिलती है। 

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण(Causes of Osteoporosis):-

  • आहार में विटामिन डी व कैल्सियम की कमी : हमारी हड्डियों का निर्माण विटामिन डी , कोलेजन और कैल्शियम होता  है। जब हमारे आहार में विटामिन डी व कैल्सियम की कमी हो जाती है तो  हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और नाजुक ,निःशक्त और  छेददार (Porous) हो जाती हैं।
  • बढ़ती उम्र :  उम्र का बढ़ना ऑस्टियोपोरोसिस होने का एक महत्वपूर्ण  कारण है। हमारे शरीर में हड्डियों के टूटने और नवीनीकरण की प्रक्रिया चलती रहती है। लेकिन बढ़ती उम्र में हड्डिया टूटती तो है परन्तु उनके नवीनीकरण की प्रक्रिया रुक जाती है और हड्डियां कमजोर और नाजुक होने लगती हैं। हड्डियों के द्रव्यमान यानी बोन मास में कमी आने लगती   हैं, 
  • हार्मोन में बदलाव :  महिलाओँ  में 40 -50 की उम्र  रजनोवृत्ति होने लगती है। जिसके कारण उनके यौन हार्मोन्स एस्ट्रोजन का स्तर कम  होने लगता है। हॉर्मोन्स की कमी होने पर हड्डिया कमजोर होने लगती है।
  •  मोटापा : मोटापा के कारण हड्डियों पर भार बढ़ता है। जो ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकता है।   
  •  कुपोषण : यदि महिला या पुरुष कुपोषण का शिकार है। उसे संतुलित भोजन नहीं मिला है। तो वह ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त हो जाता है।   

ऐसे कई अन्य कारक हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।  इनमें उम्र, लिंग, पारिवारिक इतिहास, हाइपोथायरायडिज्म, एक गतिहीन जीवन शैली ,सूर्य के प्रकाश का शरीर पर ना पड़ना,पर्यावरण प्रदूषण , धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन और कुछ चिकित्सीय स्थितियां और दवाएं शामिल हैं।  कुछ मामलों में, अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति या बीमारी के कारण एस्ट्रोजन का स्तर कम होने पर ऑस्टियोपोरोसिस भी हो सकता है

यह भी पढ़े -यूरिक एसिड को घर में कैसे कंट्रोल करें.

ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए पोषण की भूमिका (The role of nutrition in preventing Osteoporosis) :-- 

ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से बचने के लिए हमें अपने आहार में ये खाद्य पर्दार्थो को शामिल करना चाहिए

ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए पोषण की भूमिका


  • कैल्सियम युक्त आहार :सभी  के  दूध से बने हुए खाद्य पर्दार्थों को कैल्शियम प्राप्ति का अच्छा साधन माना जाता है।हमारे शरीर में उपस्थित कैल्शियम का 99 % हड्डियों व दाँतों में मौजूद रहता है। जिससे इसमें मज़बूती आती है। हमें अपने खाने में दूध से बने व्यंजन  जैसे पनीर, दही, कम वसा, पाउडर दूध और नॉनफैट दूध को शामिल करना चाहिए ।तिल में कैल्सियम  मात्रा अधिक होती है।   
  • प्रोटीन युक्त आहार :- प्रोटीन शरीर में हार्मोन के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। हड्डियों और तंतुओं के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत हेतु जरूरी है।  मांसाहारी आहार लेने वाले लोग दूध ,अण्डा ,मीट व मछली खा सकते हैं।  शाकाहारी आहार लेने वाले लोग प्रोटीन के लिए बाजरा, मक्का , राजमा, दाल, ग्रीक योगर्ट ,सूखे मेवे खा सकते हैं। 
  • विटामिन डी युक्त आहार :- हमें आहार में विटामिन डी युक्त जिसमें मछली का तेल ,अण्डा घी ,मक्खन ,कॉड लीवर ऑयल  आदि लेना चाहिए। 
  • फल और सब्ज़ियां:- आपको अपने आहार में ताजे फल और सब्जियां भी लेनी चाहिए। . इनमें  हरी सब्जियाँ ,शलजम, साग, केला, ओकरा, गोभी, सरसों का साग, ब्रोकोली, पालक, आलू, शकरकंद, सेब ,रस दार फल -संतरा, स्ट्रॉबेरी, पपीता, अनानास, केले, आदि को लेना चाहिए ।
  • सूर्य की रोशनी :- सूर्य की रोशनी में 20 मिनट तक अवश्य रहना चाहिए। सूर्य की रौशनी से त्वचा के नीचे उपस्थित 7-डिहाइड्रोकोलेस्टरोल विटामिन डी में बदल जाता है।  

ऑस्टियोपोरोसिस का उपचार (Treatment of Osteoporosis):--

ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने या प्रबंधित करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं।

  •  स्त्रियों को ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए यौन हॉर्मोन दिया जाना चाहिए। 
  • पुरुषों को सेनाइल ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए एण्ड्रोजन के स्राव को बढ़ाने के लिएमिथाइल टेस्टोस्टेरोन की दवा देनी चाहिए। 
  • इनमें कैल्शियम और विटामिन डी,मैग्नीशियम, बोरोन, फ्लोराइड और विटामिन K, B12, B6 और फोलिक एसिड से भरपूर स्वस्थ और संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, धूम्रपान छोड़ना और शराब का सेवन सीमित करना और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लेना शामिल हैं।  ऑस्टियोपोरोसिस के उच्च जोखिम वाली महिलाओं को हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी निर्धारित की जा सकती है।

 अंत में, ऑस्टियोपोरोसिस एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।  इस स्थिति को रोकने या प्रबंधित करने के लिए कदम उठाना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आप उम्र, लिंग, पारिवारिक इतिहास या अन्य कारकों के कारण उच्च जोखिम में हैं।  एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करके और यदि आवश्यक हो तो चिकित्सा उपचार की मांग करके, ऑस्टियोपोरोसिस के प्रभाव को कम करना और मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखना संभव है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी व उपायों को केवल सुझाव के रूप में लें, ब्लॉगर द्वारा  इनकी पुष्टि नहीं की जाती है. इस लेख में बताये गये किसी भी आहार, उपचार और सुझाव को दैनिक जीवन में शामिल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़े -

टिप्पणियाँ